इंडिया टीवी एमपी तक न्यूज -. छत्तीसगढ़ में छठवीं विधानसभा का गठन हो गया है। भाजपा के विधायक दल की बैठक के बाद रविवार को सदन का नेता भी चुन लिया जाएगा। प्रदेश की जनता की निगाहें नए मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल के गठन पर टिकी हुई हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार विधायकों में से ही किसी नेता को सीएम चुना जाएगा।
भूपेश बघेल ने तोड़ी परंपरा
गौरतलब है कि प्रदेश के विधानसभा के चुनाव के बाद सरकार के गठन के समय प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और दूसरे मुख्यमंत्री रमन सिंह को पहले मुख्यमंत्री बनाया गया और बाद में उप चुनाव के बाद वे विधायक बने थे। सीएम की कुर्सी तक अभी तक तीन नेता पहुंचे। इनमें दो को पहली बार उप चुनाव ने ही सदन में पहुंचाया। हालांकि पिछली बार 2018 के चुनाव में इस परंपरा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तोड़ दिया था। वे पाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद मुख्यमंत्री बने थे।
जोगी के लिए रामदयाल उइके ने छोड़ी थी सीट
प्रदेश में राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में सदन में कांग्रेस का बहुमत था। इसलिए कांग्रेस से पहले मुख्यमंत्री बनाए गए पूर्व आइएएस अजीत जोगी उस वक्त सदन के सदस्य नहीं थे। जोगी के लिए तत्कालीन भाजपा विधायक रामदयाल उइके ने बिलासपुर जिले की मरवाही सीट छोड़ी थी। उइके के इस्तीफे के बाद मरवाही में उप चुनाव हुआ, जिसमें जोगी बड़े अंतर के साथ जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
रमन सिंह के लिए वर्ष 2003 में तत्कालीन भाजपा विधायक प्रदीप गांधी ने सीट छोड़ी थी। गांधी राजनांदगांव के डोंगरगांव सीट से विधायक थे। 2004 में डोंगरगांव में उप चुनाव हुआ। वर्ष 2008 में डा. सिंह ने सीट बदल ली। इस बार भी रमन राजनांदगांव से ही जीतकर आए हैं।
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