29अक्टूबर 2025,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार पुण्य सलिला मां नर्मदा के वाहन मगरमच्छ को उसके प्राकृतिक आवास में पुनर्स्थापित करने के अपने संकल्प की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर को खंडवा जिले के नर्मदानगर में मां नर्मदा के जल में मगरमच्छों को छोड़ा जाएगा, जिससे नर्मदा जी की जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन को नई शक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा की धारा मगरमच्छों के लिए अत्यंत अनुकूल है, और सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इन जलीय जीवों को ऐसे क्षेत्रों में बसाया जाए जहां मानव बस्तियों को किसी प्रकार का खतरा न हो। उन्होंने कहा कि “मां नर्मदा जी का वाहन अपने निर्मल जल में अठखेलियां करता हुआ दिखाई देगा, यह दृश्य पूरे प्रदेश के लिए शुभ संकेत होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। भारतीय संस्कृति में मनुष्य और वन्य जीव परस्पर निर्भर हैं ,यही प्रकृति का संतुलन है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष चंबल नदी में घड़ियाल छोड़े गए थे, और अब नर्मदा में मगरमच्छों का पुनर्वास इसी श्रृंखला का अगला कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल वन्य जीवों की संख्या बढ़ाना है, बल्कि नदियों, वनों और प्राकृतिक संपदा के संरक्षण को जन आंदोलन के रूप में विकसित करना भी है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे नदियों और प्राकृतिक संसाधनों की स्वच्छता और सुरक्षा के इस अभियान में सहभागिता करें। मां नर्मदा, वन्यजीव और मानव – तीनों का संरक्षण ही सतत जीवन का आधार है।
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