प्रदेश कें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जहां भी सोयाबीन की फसल अतिवृष्टि अथवा बीमारी के कारण खराब हुई है। ऐसे सभी क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सोयाबीन की फसल का सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि सर्वे के पश्चात किसानों को क्षतिग्रस्त सोयाबीन की फसल का समुचित मुआवजा भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सोयाबीन की फसल का एमएसपी रेट 5300 रू. निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी यही रेट दिया जाएगा। किसी भी किसान को घाटा नहीं सहने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में धान पर भी बोनस बढ़ाया गया है। किसानों को भावांतर भुगतान योजना के माध्यम से उनके खाते में बोनस का पैसा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एमएसपी से कम दर पर फसल बेची जाती है तो फसल का घाटा सरकार द्वारा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों की जिदंगी अच्छी और खुशहाल बने इसके लिए किसान सम्मान निधि केन्द्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लाड़ली बहनों के जीवन में खुशियां लाने के लिए लाड़ली बहनों को दीपावली की भाईदूज से हर माह 1500 रू. की राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास योजनाएं चलाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत जैसीनगर में पं. दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर आयोजित मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा संकल्प जागरूकता अभियान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आज मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश को हम दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में पहले नंबर पर लाने का प्रयास कर रहे है। इसके लिए मध्यप्रदेश में किसानों को गाय पालने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौशाला खोलने पर किसानों को लभगग 40 लाख रू. की राशि मुहैया कराई जा रही है। जिसमें 10 लाख रू. का अनुदान दिया जा रहा है।