मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए व्यवस्थाओं को सरल बनाया गया है। प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत इस वर्ष सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, भोपाल के दौरान 18 नई नीतियां लागू की गईं। सरलीकृत की गई व्यवस्थाओं के कारण मध्यप्रदेश में तेज गति से निवेश आ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाराष्ट्र के उद्यमियों से मध्यप्रदेश में निवेश का अनुरोध करते हुए कहा कि प्रगति के क्षेत्र में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जोड़ीदार राज्य हैं। अतीत के गौरवशाली पृष्ठ को देखें तो महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश का गहरा संबंध रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुम्बई में “इंटरएक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन पॉवर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग एंड वाइट गुड्स इन मध्यप्रदेश” को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि व्यापारियों को नई पॉलिसियों का लाभ दिया जा रहा है। बिजनेस और निवेश को लेकर निरंतर सीसीआई की बैठकें आयोजित की जाती हैं। प्रदेश में संभागीय स्तर पर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर छोटे शहरों को इंडस्ट्री से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आज इस सत्र के माध्यम से रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ₹19,900 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश एवं अन्य सभी सेक्टर्स में ₹54,400 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार कुल 74,300 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्राप्त हुए हैं। कार्यक्रम में सन फार्मा के अध्यक्ष दिलीप सांघवी, सीआईआई के अध्यक्ष नील सी. रहेजा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी), ईसीजीसी सृष्टिराज अम्बष्ठा, हिंडाल्को के प्रबंध निदेशक सतीश पाई, हेत्तिच (Hettich) के प्रबंध निदेशक आंद्रे एकहोल्ट, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी (एमडी एवं सीएफओ), आईपीसीए लैब अजीत कुमार जैन और एफआईईओ के उपाध्यक्ष रविकांत कपूर विशेष रूप से मौजूद थे।
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