मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सामाजिक सरोकार, समरसता और सादगी की मिसाल प्रस्तुत करते हुए अपने छोटे पुत्र का पाणिग्रहण संस्कार उज्जैन में हुए सामूहिक विवाह समारोह में संपन्न कराया। योग गुरू स्वामी रामदेव ने 21 जोड़ों के सामूहिक विवाह संस्कार कार्यक्रम का संचालन किया। स्वामी रामदेव ने कहा कि यह ‘डेस्टिनेशन’ नहीं ‘डिवाइन मैरिज’ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री
डॉ. यादव पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने ऐसी मिसाल प्रस्तुत की है। देश के प्रभावशाली, राजनीतिक और धनी व्यक्तियों के लिए यह एक अनुकरणीय पहल है। विवाह की इस प्रक्रिया के अनुसरण से शादियों में होने वाले अपव्यय को रोका जा सकेगा और मध्यम तथा निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह भाव “सबका साथ-सबका विकास” की भावना के अनुरूप है।
उज्जैन में रविवार को सामूहिक विवाह समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पुत्र चिरंजीव डॉ. अभिमन्यु का डॉ. इशिता के साथ विवाह यादगार बन गया। एक ही पंडाल में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पुत्र के साथ जन-सामान्य के पुत्र-पुत्रियों के विवाह ने अद्भुत आत्मीयता और समानता के भाव का संचार किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने समस्त नव-दंपतियों को बधाई दी। राज्यपाल पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में सामूहिक विवाह स्थल पर पधारे अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रदेश में सनातन की परंपरा के अनुसार विवाह के कार्यक्रम हो रहे हैं। सामूहिक विवाह समारोह में समाज के सभी वर्गों के नव-दंपति सम्मिलित हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के वर-वधू भी शामिल हैं।
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