नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने मीडिया से चर्चा में शुक्रवार को कहा है कि सोलर प्लस स्टोरेज मुरैना परियोजना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश मुरैना में अपनी पहली सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना विकसित कर रहा है, जिसमें रु 2.70 प्रति यूनिट का ऐतिहासिक टैरिफ प्राप्त हुआ है। यह भारत में पहली बार है कि किसी फर्म और डिसपेचेबल रिएन्युबल एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए रु 3 प्रति यूनिट से कम टैरिफ हासिल किया गया है। मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुरैना प्रोजेक्ट में प्राप्त सफलता के आधार पर लंबे समय की ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्धता जताई है। इस बात पर संतोष जताया गया कि परियोजना में प्राप्त न्यूनतम टैरिफ प्रदर्शित करता है कि नवकरणीय ऊर्जा भी डिस्कॉम के लिए अधिक किफायती हो सकती है।
मंत्री शुक्ला ने कहा कि सोलर स्टोरेज प्रोजेक्ट मुरैना की विशेषता है कि इसके द्वारा सामान्य सौर घंटों एवं पीक घंटों के दौरान समान स्तर की विद्युत आपूर्ति की जाएगी। देश की पहली सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना है, जिसमें 95 प्रतिशत पीक आपूर्ति की सुनिश्चित वार्षिक उपलब्धता है। साथ ही टैरिफ भी न्यूनतम 2.70 प्रति यूनिट है। अब तक सबसे कम टैरिफ रु 3.09 प्राप्त हुआ था, जो शाम को 2 पीक ऑवर्स में अनुबंधित सौर क्षमता के केवल 50 प्रतिशत की आपूर्ति एवं 85 प्रतिशत वार्षिक उपलब्धता के लिये था।
मंत्री शुक्ला ने बताया कि विगत 19 सितंबर, 2025 को हुई ई-रिवर्स नीलामी में प्राप्त दर आगामी 25 वर्षों के लिए निर्धारित हुई है। यह ₹ 2.70 प्रति kWh के ऐतिहासिक टैरिफ के साथ संपन्न हुई है। यह पूरे भारत में FDRE निविदाओं के लिए एक मील का पत्थर है। निविदा में 16 बोलीदाताओं के साथ वैश्विक भागीदारी देखी गई, जिसमें बोली क्षमता की खरीद की जाने वाली बोली क्षमता का लगभग 10 गुना था। नीलामी में एक्मे सोलर होल्डिंग्स, अदानी रिन्यूएबल, एम्पिन एनर्जी, अप्रावा एनर्जी, सीगल इंडिया लिमिटेड, दिलीप बिल्डकॉन, एंजी एनर्जी, गोल्डी सोलर, एमबी पॉवर, एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी, पावर मेक, पूर्वा ग्रीन, रिन्यू सोलर, सेरेंटिका रिन्यूएबल्स, शिवालय कंस्ट्रक्शन्स और वारी फॉरएवर एनर्जीज सहित प्रतिष्ठित कंपनियां शामिल रही।
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